लगातार सातवीं बार इस राज्य ने जीता कृषि कर्मण अवॉर्ड, हासिल किया ये मुकाम

भारत में सरकारों के द्वारा लगातार किसानों की आमदनी बढ़ाने के प्रयास हो रहे हैं। इसके तहत राज्य सरकारें अपने किसानों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मुहैया करवा रही हैं ताकि किसान ज्यादा से ज्यादा उत्पादन कर सकें। किसानों को केंद्र सरकार भी अपने स्तर पर प्रोत्साहित करती रहती है ताकि किसान ज्यादा से ज्यादा उत्पादन करने के लिए प्रेरित हो सकें। इसके साथ ही केंद्र सरकार हर साल कृषि क्षेत्र की उन्नति में राज्यों के प्रदर्शन के आधार पर 'कृषि कर्मण अवॉर्ड' (Krishi Karman Award) देती है, जो कृषि क्षेत्र में राज्यों के बेहतरीन कामों के लिए दिया जाता है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 1 नवम्बर को मध्य प्रदेश स्थापना दिवस पर भोपाल के लाल परेड मैदान में अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनवाईं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि इस साल एक बार फिर से मध्य प्रदेश ने कृषि क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन करते हुए 'कृषि कर्मण अवॉर्ड' लगातार सातवीं बार अपने नाम किया है। प्रदेश में खेती-किसानी में जोखिम कम हुए हैं, तथा प्रदेश के किसान सरकार के द्वारा किसानों के हितों में चलाई जा रही नई योजनाओं तथा उन्नत तकनीक की मदद से ज्यादा उत्पादन ले रहे हैं। साथ ही शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह किसानों की मेहनत का ही नतीजा है जिसके कारण अब प्रदेश के किसान देश के साथ-साथ विदेशों को भी अपने कृषि उत्पाद निर्यात कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अब प्रदेश में किसान जहरीली रासायनिक खेती को त्यागकर जैविक खेती पर फोकस कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में जैविक खेती का रकबा बढ़कर 16.37 लाख हेक्टेयर हो गया है।

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दलहन और तिलहन उत्पादन में अग्रणी है मध्य प्रदेश

भारत तिलहन का बहुत बड़ा उपभोक्ता देश है, इसलिए भारत में मांग के हिसाब से तिलहन का उत्पादन नहीं होता है, जिसके कारण भारत सरकार बड़ी मात्रा में तिलहन का आयात करती है ताकि घरेलू जरूरतों को पूरा किया जा सके। इसके साथ ही भारत सरकार ज्यादा से ज्यादा तिलहन के उत्पादन पर जोर देती है ताकि आयात को कम किया जा सके और विदेशी मुद्रा बचाई जा सके। इस मामले में मध्य प्रदेश राज्य केंद्र सरकार के प्रयासों के ऊपर 100 फीसदी खरा उतरता है। मध्य प्रदेश में भारी मात्र में सोयाबीन का उत्पादन होता है, जिसकी बदौलत ही मध्य प्रदेश तिलहन उत्पादन के मामले में भारत भर में शीर्ष पर है। तिलहन उत्पादन के साथ ही अगर दलहन की बात करें तो इस मामले में भी मध्य प्रदेश भारत भर में प्रथम स्थान रखता है। साथ ही अगर फसलों की बात करें तो गेहूं, मक्का, मसूर और तिल उत्पादन में भी मध्य प्रदेश पहला स्थान रखता है। मध्य प्रदेश की कई फसलों को केंद्र सरकार द्वारा जीआई टैग भी प्रदान किया गया है।

लगातार बढ़ रहा है फसलों का उत्पादन

मध्य प्रदेश में फसलों का उत्पादन रिकार्ड स्तर की तेजी के साथ बढ़ रहा है। यह कारक 'कृषि कर्मण अवॉर्ड' मध्य प्रदेश को दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राज्य में अब जायद की फसल का रकबा बढ़कर 12.47 साल हेक्टेयर पर पहुंच गया है। मध्य प्रदेश ने साल 2020-21 के दौरान देश में गेहूं का सर्वाधिक उत्पादन किया है। इसके साथ ही अगर मूंग के उत्पादन की बात करें तो राज्य में मूंग का उपार्जन बढ़कर 9 लाख मीट्रिक टन से आगे निकल चुका है।

फसलों के साथ ही इन क्षेत्रों में भी हुआ है विकास

मध्य प्रदेश में किसानों ने फसलों के साथ-साथ पशुपालन और बागवानी क्षेत्र ने भी शानदार उपलब्धि हासिल की है। अगर राज्य में बागवानी फसलों के रकबे की बात करें तो राज्य में एक समय पर जहां बागवानी फसलों का क्षेत्रफल मात्र 4.67 लाख हेक्टेयर था, वो अब बढ़कर 25 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है। राज्य में बागवानी फसलों में फलों की खेती, औषधीय पौधों की खेती और मसालों की खेती में भारी वृद्धि हुई है। बागवानी के साथ-साथ पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार किसान, पशुपालक और मछली पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी कर रही है।

प्रदेश में किसानों को मिलता है अतिरिक्त आर्थिक अनुदान

मध्य प्रदेश में किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत राज्य सरकार की तरफ से हर साल 4,000 रुपये का आर्थिक अनुदान दिया जाता है। इसके साथ ही केंद्र सरकार किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये का आर्थिक अनुदान प्रदान करती है। इस तरह से मध्य प्रदेश के किसानों को केंद्र तथा राज्य सरकार के द्वारा कुल मिलाकर प्रति वर्ष 10,000 रुपये का आर्थिक अनुदान मिलता है। केंद्र तथा राज्य सरकार की इन योजनाओं से मध्य प्रदेश के लगभग 80 लाख किसान लाभान्वित होते हैं।